प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं:- नींद में भी नाम जप होता है। वह कैसे होता है?

 कि नींद में भी नाम जप होता है। वह कैसे होता है?

राधा राधा राधा राधा राधा माध्यम  अंदर से वही चल रहा बिल्कुल कहीं कोई हरकत नहीं कि हम नाम जप कर रहे हैं पर यह मूलाधार केंद्र में जहां-वहां पहुंची बस से शुरू हो गई राधा राधा राधा “कबीर कहां है हम रहे ठिकाना राधा कृष्ण सुनाम से रघुनाथ दास गोस्वामी जी राधा कृष्ण अभ्यास किया तो नाम चिदानंद बस गया अब जैसे धड़कन हम धड़कन धड़कन होता है सिद्ध पुरुष का सड़क को करना होता है| अभी करने में हम कह रहे हैं कोई कहता है कि हमें काम बहुत है कितने घंटे 24 घंटे में हम 6 घंटे सोने के माल लेते हैं 7 घंटे मान लेते हैं कितना बचा 17 घंटे 17 घंटे में आप कितना काम करोगे कितने घंटे  कितने घंटे काम करोगे मिलता है खाली समय खड़े हुए तो हमारे पास तीन घंटे बचे 3 घंटे में डेढ़ घंटे परिवार के लिए डेढ़ घंटे और रोज अगर डेढ़ घंटे वजन करो तो बहुत अच्छी स्थिति समाचार डेढ़ घंटे तो सेफ बच्चे अब डेढ़ घंटे आप भजन करके दिखा दो डेढ़ घंटे कोई भजन में चित्र जोड़ता होगा| भाई ऐसे देश में आए हो जहां की कमाई का ₹1 भी नहीं ले जाओगे जैसे आपको ऐसे देश में भेजा जाए कि सब सुविधा खूब पैसा साथ लेकिन वहां से जब आओगे तो कपड़ा तक उतार लिया जाएगा ऐसा देश पसंद करोगे ऐसा देश है मृत्यु लोग यह शरीर भी उतार लिया जाता है कुछ नहीं आता शरीर भी यही छोड़ो आग लगा दिया जाएगा गढ़ दिया जाएगा इसको भी नहीं ले जा सकते तो जो ले जा सकते हैं उसके लिए समय नहीं है और जो नहीं ले जा सकते उसके लिए पूरा समय दे हो तो क्या कहा जाएगा जो भगवान का विस्मरण करके संसार के धन संपत्ति भोगों में अपना समय नष्ट कर रहे हैं जाना है किस समय जाना है कोई पता नहीं फैंसी वाले को तो समय निश्चित होता है हमारा तो भी निश्चित नहीं कब अभी शिक्षक कभी भी तो बड़ा भयावा है कैसे बड़ा भैया हुआ है एक हमको दृश्य दिखाया की एक्सीडेंट हुआ और एक ड्राइवर ट्रक में फंसा आग लगी वह सीख रहा है एक दिखाए बच्चे फंसे हुए सीख रहे हो आपकी ज्वाला क्या भाव आदर्श है जिंदा आदमी चलेगा मारेगा कितनी देर में मरेगा आप सोचो अपने को जरा से दिया एक बूंद गर्म तेल कितना कष्ट पूरा मारेगा पूरा चलकर के जब तक प्राण नष्ट नहीं हो जाएंगे तब तक प्राण निकलते बहुत कहां कैसे घटना घटती है इसलिए नाम जो भगवान का नाम जब वही साथ जाएगा वही बचाएगा भी नाम ही बचाएगी जब तक द्रोपदी जी ने भगवान को नहीं पुकार तब तक दुशासन की चली जब भगवान को पुकारा तो दुशासन की नहीं चली भगवान ने यही वस्त्र रूप धारण कर लिया कंधे से वस्त्र नहीं जाता दुशासन का के गिर गया हम लोग भगवान को अपना नहीं मानते अंदर से कैसे अपना मानना जैसे कोई संकट हो तो सबसे पहले किसका नंबर है याद आएगी सबसे पहले जो अपने निजी जाना है फ्री जाना है वहां आएगा उनको हे भगवान की याद आवे जानू कि हमारा भगवान से संबंध स्वीकृत हो गया है संबंध तो है सबका भगवान कहते हैं अविनाशी पर हमारी तरफ से स्वीकृत हो जाए जब कोई सुख का भगवान की तरफ दृश्य भगवान की कृपा से है जब कोई दुख का तो भगवान भगवान आप भी हमारे लेकिन मुश्किल है भारी से भरी दुख में लोगों का सहयोग चाहे वह कोई पदाधिकारी हो कोई मित्र हो कोई रिश्ते नाते वहां जाए भगवान पर.राधा राधा राधा राधा राधा आप भजन कर.

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